पंजाब की जवानी को लील रहा नशा
सरकार के लाख जतन के बावजूद पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों नशा तस्करी का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालत यह है पंजाब की जवानी बर्बादी के मोहाने पर खडी है। ऐसा नहीं है कि यहां की सरकार नशा और नशा तस्करों के िखलाफ कार्रवाई नहीं कर रही। पुलिस कार्रवाई से लेकर जागरूकता अभियान तक चलाए जा रहे हैं, लेकिन नशे का नाग फन उठाए खाडा है। वैसे तो पंजाब में नशा और नशा तस्करों पर उडता पंजाब नाम की फिल्म भी बन चुकी है, लेकिन इस फिल्म िदखाए गए दृश्यों से कही ज्यादा भयावह स्थिति है। कारण यह नशे के कारोबार में खाकी से लेकर 'खादी' तक जुडा है। इससे बडा दुखद पहलु और क्या हो सकता है 2017 में हुए िवधान सभा चुनाव में नशा सबसे बडा राजनीतिक मुद़दा बन कर उठा था और इस मुद़दे को कांग्रेस और आमआदमी पार्टी दोनों ने ही भुनाने का प्रयास िकया। यां यूं कहें कि सूबे में सत्ता परिवर्तन का एक कारण यह भी था। क्योंकि पिछली सरकार के एक मंत्री पर पूर्व पुलिस अधिकारी व नशा तस्कर जगदीश भोला के नाम के साथ जोड कर देखा जा रहा था, लेकिन सरकार बदलने के बाद भी हालात वहीं हैं जो पिछली सरकार में हुआ करते थे। तब भी सीमा पार से नशा तस्करी का खेल जोरों पर था और अब भी नशा तस्करी जोरों पर है। चाहे वह अफीम हो हथियार हो या अन्य तरह का नशा।अभी हाल ही नशा तस्करी कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जो सचमुच में हैरान कर देने वाले हैं। मामलों के मुताबिक सीमा पर स्थित िकसानों की जमीन कटीली तार के पार (भारत-पाकिस्तान की सीमा पर की गई तार बंदी)की जमीनों को नशा तस्कर खेती के नाम पर किसानों से ठेके पर लेकर इसमें फसल बीजते हैं, लेकिन इसके पीछे उनका एक ही मकसद होता है सीमा पार से आने वाली हेरोइन व अफीम की खेप को इन खेतों छिपा कर रखा और मौका मिलते ही सीमा सुरक्षा के बल के जवानों की आंखों में धूल झोंक कर इन खोपों ला कर बेचना होता है। कई बार तो ये अपने मंसूबों में सफल भी हो जाते हैं लेकिन अधिकांश मामलों में सीमा सुरक्षा बल के जवानों के हत्थे चढ जाते हैं।
सीमावर्ती क्षेत्रों में अधिक है नशे का काला खेल
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वैसे तो नशा व तस्कर सूबे के हर जिले में फैले हुए हैं, लेकिन इनके नशें का काला साम्राज्य अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, फाजिल्का सहित विभिन्न सरहदी जिलों में फैला हुअा है। यहां सप्ताह का कोई भी ऐसा दिन नहीं होगा जिस दिन हेरोइन या अफिम के नशा तस्कर न पकडे जाते हैं। कई बार तो बीएसएफ के जावानों को सीमापार से होने वाली तस्करी को रोने के रात को फायरिंग भी करनी पडती है। ऐसे में कई बार पाकिस्तानी तस्कर भाग जाते हैं तो कई बार मौके पर ही ढेर हो जातो हैं। फिर सुबह होने जब जवान सर्च अभियान चलाते हैं नशें की बडी खेप बरामद होती है। हालात यह है सीवर्ती क्षेत्रों कई परिवार ऐसे भी है, जिनका पूरा पिरवार ही नशा तस्की से जुडा हुआ है। पति-पत्नी, भाई-बहन व मां-बेटे भी शामिल होते हैं। और तो और कई मोहल्ले भी चिन्हित होते हैं जहां घर-घर में नशा बेचने का कारोबार चलता है। कच्ची शराब निकालना तो यहां आम बात सी है। अभी कुछ दिन पहले ही हरिके में शराब निकालते हुए कुछ लोग पडे भी गए थी, जबकि छापामारी करने गई एक्साइज विभाग की टीम की गोली लगने से कथित तौर पर एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। कच्ची शराब निकालने का अधिकांश मामले तरनतारन, फिरोजपुर, मुक्तसर, फाजिल्का, बठिंडा, मोगा व मानसा में सामने आते है। आए दिन इन पर कार्रवाई भी होती है लेकिन जमानत पर आने के बाद आरोपी फिर से अपने पुराने कारों बार में संलिप्त हो जाते हैं।
कांग्रेस व अकाली नेता भी हैं आरोपी
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ऐसा नहीं है कि नशे के काले करोबार से एक तबका जुडा हुआ है, बल्कि पंजाब की राजनीति में गहरी पैठ रखने वाले लोग भी जुडे हैं चाहे वह शिरोमणि अकाली दल हो या कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी ही क्यों न हो। इन सब पर हमाम में सब नंगे वाली होने वाली कहावत ही लागू होती है। पिछले महीने अमृतसर जिले के अजनाजा क्षेत्र में नशा तस्करी के आरोप में पकडा गया एक तस्कर संबंध कांग्रेस से होने की बात सामने आई, लेकिन कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं से इसे िसरे खारिज कर िदया। वहीं तरनतारन जिले के एक गाव का सरपंच भारी मात्रा में अफीम व हेरोई के साथा पकडा गया। इस के बारे में बताया गया िक पहले यह कांग्रेस में था फिर अकाली दल में शामिल हो एक गांव का सरपंच बना और तभी से व नशा तस्करी के मामले में फरार चल रहा था। जब वह पुलिस की गिफ्त में आया तो नेताओं ने उससे िकसी भी तरह का संबंध होने से इंकार कर िदया।
इस साल जनवरी में भी पकड.ी गई हेरोई
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इसी साल मध्य जनवरी में भारत-पाकिस्तान सीमा पर िस्थत जिला फाजिल्का से पुलिस ने 9 किलो अफीम सहित चार लोगों को िगरफ्तार िकया था। पपुलिस के मुताबिक ये लोग पाकिस्तान से आई खेप को अन्य जगहों पर पहुंचाने जा रहे थे। इसी तरह अमृतसर के सीमावर्ती क्षेत्र में तार पार खेत से ट्रैक्टर पर लगे साउंड बाक्स से बीएसएफ ने 7 किलो हेरोइन बरामद की। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों के मुताबिक यह किसान पहले जब ट्रैक्टर के साथ अपने खेतों में जाता था तो ट्रैक्टर पर लगा डेक बजता रहता था, लेकिन इस बार बिना डेक बजाए ही किसान अपने खेतों में गया और डेक मे हेरोइन भर कर ला रहा था ताकि किसी को शक न हो। लेकिन जवानों को किसान की गतिविधयां संदिग्ध लगी, िजसपर उन्होंने उसके ट्रैक्टर की तलाशी ली तो डेक से बडी मात्रा में अफीम बरामद हुई।
पंजाबी सिंगर भी पकडा गया हेरोईन के साथ
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वैसे तो पंजाबी लोक गीतों में शराब व व बंदूक जैसे शब्दों का धल्ले से इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन शायद यह पहला एेसा मामला है, जब फरवरी 2018 में जालंधर पुलिस ने िकसी लोक गायक को डेढ किलो हेराेइन के साथ गिफ्तार का केस दर्ज िकया हो। पुलिस का आरोप है िक अमृतसर निवासी दोनो पंजाबी सिंगर लोक गायकी की आड में नशा तस्करी का कारोबार करते है। जालंधर रेंज के सहायक पुलिस महानिरीक्षक मुखविंदर सिंह ने बताया कि आरोपियों को लुधियाना जिले से काबू िकया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी िबना सिम का मोबाइल स्तेमाल करते थे। ये मोबाइल को डोंगल से ऑपरेट करते थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने शोसल नेटवकर्तिंग का एप इटली के नंबर पर रजिस्टर्ड कर था। पकडे गए आरोपी पंजाबी पंजाबी गायकों पास से अफगानिस्तान, दुबई, पाकिस्तान और बैंकुवर के सिमकार्ड बरामद हुए हैं, जिसका इस्तेमाल ये नशा स्तकरी के िलए करते थे। उन्होंने कहा इन तस्करों का संबंध अंतरराष्ट्रीय तस्करों से हो सकता है। इसी तरह अमृतसर पुलिस ने पंजाब पुलिस से बर्खास्त एक एएसआई को भी नशा तस्करी के आरोप में गिफ्तार कर केस दर्ज िकया है। आरोप है िक बर्खास्त एएसआई पाकिस्तान से आने वाले वाले नशे के खेप को ठीकाने लगाता था। पुलिस के मुताबिक पहले इसकी ड्यूटी सीमा पर बने पुलों की सुरक्षा में लगी होती थी, जो समझौता एक्सप्रेस से तस्करों द्वारा भेजी गई नशे की खेप को बीच में उतार कर उसे बताए ठिकानों पर लगा कर मोटी रकम कमाता था। इसी तहर तरनतारन जिले में अंतरराष्ट्रीय तस्कर बग्गा को पुलिस ने फार्च्यूनर व अफीन सहित काबू किया। बग्गा पर अफीम, हेरोईन, जाली करंसी, असलहा और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी सहित कई मामले दर्ज है।
नशा न मिलने पर युवक ने खुद को मारी गोली
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पंजाब में नशा और नश्ोडियों का आलम यह है िक नशा न मिलने से परेशाने कांग्रेस महिला ब्रिगेड की प्रदेश अध्यक्ष के 26 वर्षीय बेटे ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक जयसिंह नशा करने का आदि था और उसे नशे और नशेडियों से दूर रखने के लिए उसके परिजन उसे घर में ही रखते थे। नशा न िमलने से परेशान इस युवक ने मौका पा कर अपने पिता की लाइसेंसी राइफल से खुद को गोली मार कर आत्म हत्या कर ली। इस तरह का एम मामला पाकिस्तान की सीमा से सेट अजनाला की है जहां एक पूर्व सैनिक के नशेडी बेटे ने भी पिता के लाइसेंसी िरवाल्वर से खुद को गोली मार कर खुदकशी कर ली। यही नहीं यहां तो नशे के नाम से बदनाम मोहल्ले भी है। इसे िवडंबना कहें या कुछ और िक जिस प्रदेश में खादी से खाकी तक पर नशा तस्करी का आरोप लगता रहा है वहां युवाओं का भविष्य क्या हो। नशे से अपने बच्चों को गंवा चुके लोग हर समय काल की सरकार से यही मांग करते हैं प्रदेश में नशा और नशा तस्करी पर अंकुश लगाया जाएत्र