दुर्गेश मिश्र - गत 12 सितंबर को कठुआ चेकपोस्‍ट पर पकड़े गए तीन कश्‍मीरी आतंकी और उनके ट्रक से बरामद एके-56 और एके-47 सहित 180 कारतूसर और छह मैग्‍जीन ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस के अनुसार यह ट्रक दिल्‍ली से चल कर पंजाब होते हुए जम्‍मू-कश्‍मीर की सीमा में प्रवेश कर रहा था कि पकड़ा गया। अब सवाल यह उठता है कि करीब 650 किमी की दूरी और तीन राज्‍यों की सीमा लांघ कर चौथे राज्‍य जम्‍मू-कश्‍मीर की सरहद तक कैसे पहुंच गया। खुफिया एजेंसियों की सूचना के बावजूद इस ट्रका यहां तक पहुंचना सुरक्षा व्‍यवस्‍था पर सवाल खड़े करता है। सवला तो यह उठते हैं कि कठुआ के एसएसपी श्रीधर पाटिल को खुफिया जानकारी मिलती है कि एक संदिग्‍ध ट्रक पंजाब से  जम्‍मू-कश्‍मीर की सीमा में प्रवेश कर रहा है, तो ऐसे जानकारी पंजाब पुलिस को क्‍यों नहीं मिली। ट्रक अमृतसर से गुरदासपुर होते हुए अति संवेदनशील पठानकोट को पार कर जाता है पंजाब पुलिस के खुफिया तंत्र को इस बात की भनक तक नहीं लगती।  
  लेकिन, इसमें सबसे बड़ी चूक पंजाब पुलिस और खास तौर से पठानकोट पुलिस की हुई है। इस भूल को मानना ही होगा। माधोपुर चेकपोस्‍ट पर हर वक्‍त सुरक्षा बल तैनात होते हैं, लेकिन यहां भी वाहनों की जांच न होना भी अपने आप में सवाल खड़े करता है। सूत्रों की माने तो यहां उन्‍हीं वाहनों की जांच की जाती है जो जम्‍मू-कश्‍मीर से पंजाब आने वाले वाहनों की ही जांच की जाती है।  बता दें कि 12 सितंबर को जम्‍मू-कश्‍मीर नंबर के ट्रक से बरामद हथियारों के बारो में कहा गया कि यह हथियार अमृतर पंजाब से लोड गए थे ।
पठानकोट और दीनानगर हमले से भी नहीं लिया सबक
---------------------------------------------------------
 स्‍मरण रहे कि जनवरी 2015 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में 7 सैनिक शहीद हो गए थे। जबकि, 37 से अधिक जवान घायल हुए थे। यह ऑपरेशन करीब 65 घंटे तक चला था। जो अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन था। इससे बाद सात जुालई 2015 को पंजाब के ही गुरदासपुर जिले के दीनानगर थाने पर तड़के आतंकियों ने हमला कर दिया था। लोगों की नींद गोलियों की आवाज सुन कर खुली थी। इस हमले में भी सात पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। आतंकियों और पुलिस के बीच करीब 11 घंटे तक चली थी। इसके अलावा गुरदासपुर और पठानकोट की सीमा पर अक्‍सर संदिग्‍ध व्‍यक्तियों के देखे जाने की खबरें भी मिलती रहती है। बावजूद इसके पंजाब पुलिस का चौकस न होना भी सवाल खड़े करता है।
जालंधर से भी पकडे़ जा चुके हैं संदिग्‍ध छात्र
-----------------------------------------------
जम्‍मू-कश्‍मीर के बाद पंजाब ही आतंकियों के निशाने पर रहा है। सीमापार पाकिस्‍तान में बैठे आईएसआई के एजेंट पंजाब का माहौल बिगाड़ने की फिराक में हरवक्‍त रहता है। बता दें कि पिछले साल जालंधर के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज से पांच कश्‍मीरी छात्रा पकड़े गए थे। इनपर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। यही नहीं कॉलेज के हॉस्‍टल में छापेमारी के दौरान हथियार भी बरादम किए गए थे। इससे पहले जालंधर के मकसूदां थाने के पास बम ब्‍लास्‍ट हुआ था। हलांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। उस समय यहां कि स्‍थानीय पुलिस ने इस घटना को हलके में लिया था। लेकिन खुफिया जानकारी के बाद इंजीनियरिंग कॉलेजों आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में कश्‍मीरी छात्र पकड़े गए तो पंजाब पुलिस के होश फाख्‍ता हो गए थे।
खालिस्‍तान समर्थक आतंकी भी पकड़े जा चुके हैं
----------------------------------------------------
कठुआ से पकड़े गए आ‍तंकियों से बरामद हथियों के बारे में पुलिस ने सुरक्षा जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस का कहना था कि एके-47 और एके-56 अमृतसर में कहीं से लोड किए गए थे। पुलिस की यह आशंका कहीं न कहीं खालिस्‍तानी आतंकियों की ओर इशारा करती है। बता दें कि पिछले साल पंजाब में पाकिस्‍तान की सरहद से लगते अजनाला में हथियारों के साथ पकड़ा था। अजनाला में ही निरंकारी सत्‍संग के दौरान खालिस्‍तान समर्थक दो युवकों ने ग्रेनेड से हमला किया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले जालंधर जिले के करतारपुर, लुधियाना, नवाशहर और मोहाली से खालिस्‍तनी समर्थक आतंकी पकड़े गए थे। ये गिरफ्तारियां भी इस बात की ओर संकेत करती हैं पंजाब का शांत माहौत बिगाड़ने की कोशिश में आईएसआई खालिस्‍तन समर्थकों के साथ मिल कर लगी रहती हैं।