रिश्‍तों पर कोरोना का असर, पत्‍नी ने पति का शव लेने से किया इंकार तो बेटी ने बाप के लिए नहीं खोला किवाड़

प्रतिकात्‍मक फोटो
अमृतसर : लग रहा है श्री रामचरित मानस की यह चौपाई 'धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी॥' कोरोना की महामारी में सच साबित होने लगा है। तभी तो कोरोना संक्रमित होने के डर दूर तो क्‍या अपने  करीबी रिश्‍ते भी टूटने लगे हैं।  
 कहीं कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद लोग श्‍मशान घाट का गेट  बंद कर दे रहे हैं तो कहीं पत्‍नी पति का शव लेने से इंकार कर देती है।  और तो और जिस बेटी को समाज बेटे का दर्जा दे रहा है वही बेटी पिता के लिए अपने घर का किवाड़ बंद कर देती है।  यह सब कैसे हुआ यह जानने से पहले पंजाब में कोरोना का कितना असर है यह जान लेना जरूरी है। 
आम दिनो में व्‍यस्‍त रहने वाला अमृतसर का शहीद उधम सिंह चौक।
परिजनों ने शव लेने से किया इंकार, प्रशासन ने किया अंतिम संस्‍कार
कोरोना से संक्रमित नगर निगम के पूर्व एडिशनल कमिश्‍नर जसविंदर सिंह की अमृतसर के गुरुनानक देव अस्‍पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।  सेवनिवृत्त जसविंदर सिंह को कुछ दिन पहले ही अस्‍पताल में दाखिल करवाया गया था।  पूर्व एडीसी के निधन के बाद प्रशासन ने उनके परिजनों से फोन पर संपर्क किया, लेकिन किसी ने शव ले जाने के लिए कोई उत्‍तर नहीं दिया।  इसके बाद एसडीएम ने एमबीबीएस कर रही जसविंदर सिंह की बेटी से फोन पर संपर्क किया लकिन उसने भी शव लेने से इंकार कर दिया।  इसके बाद जिलाधिकारी शिवदुलार सिंह के आदेश पर प्रशासन ने उनका अंतिम संस्‍कार कर किया।  रिश्‍तों को शर्मसार करने वाली इसे बड़ी बात और क्‍या होगी कि जिस परिवार के जसविंदर सिंह जीते रहे उन्‍हीं को उनके अपनों ने नहीं बल्कि पटवारियों और निगम कर्मचारियों ने कंधा और मुखाग्नि दी।  इसी तरह की बता दें कि इसी तरह की एक घटना लुधियाना निवासी कोरोना संक्रमित बुजुर्ग महिला की मौत के बाद भी सामने आया था। महिला के परिजनों ने भी उसका पार्थिव शरीर लेने से इनकार कर दिया था।  
लॉकडाउन के कारण अमृतसर के हाल बाजार में पसरा सन्‍नाटा
गांव वालों ने बंद कर दिया श्‍मशानघाट का गेट
 अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब के रागी 47 वर्षीय पदृमश्री भाई निर्मल सिंह की कोरोना संक्रमण के कारण गत सप्‍ताह मौत हो गई थी।  उन्‍हें भी यहां गुरु नानक देव अस्‍पताल में भर्ती करवाया गया था।  जिस समाज के भले के लिए निर्मल सिंह खालसा जिवन भर अरदास और कीर्तन करते रहे उन्‍ही का अंतिम संस्कार करने के लिए दो गज जमीन ढूंढने में जिला प्रशासन को चार घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। यहां कि अमृतसर के कई श्‍माशान घाट के गेट तक बंद कर दिए गए।  अंत में शहर से दूर एक व्‍यक्ति ने पद्मश्री के संस्‍कार के लिए दस कनाल जमीन दान में दी तब जाकर उनका संस्‍कार हुआ। 

दवाजे पर गिड़गिड़ाता रहा बाप, बेटी ने नहीं खोला किवाड़
वैसे तो यह घटना बिहार के खगडि़या जिले कि है, लेकिन इसका संबंध पंजाब के लुधियान से जुड़ा हुआ है।  यहां भी कोरोना के कारण संवेदनाएं दम तोड़ गई।  लॉकडाउन के कारण लुधियाना में काम ठप हो गया।  यहां एक फैक्‍ट्री में काम करने वाला व्‍यक्ति काम न मिलने की वजह से किसी तरह बिहार के खगडि़या पहुंचा। यहां वह यह सोच कर अपनी बेटी के घर पहुंचा कि लॉकडाउन खत्‍म होने के बाद वह अपने घर चला लाएगा। लेकिन, लेकिन पिता को दरवाजे पर आया देख उसकी बेटी और दामाद ने अपने घर का किवाड़ बंद कर लिया।  बेटी के इस व्‍यवहार से आहत पिता स्‍टेशन रोड चौक पर बैठ कर फूटफूट कर रो रहा।  यह बात जब पुलिस कर्मियों को पता चली तो व्‍यक्ति की सेहत जांच के बाद उसे उसके घर पहुंचाया। 
गुरुनानक देव अस्‍पताल के बाहर पसरा सन्‍नाटा।

प्रशासन की अपील का भी नहीं पड़ रहा असर
केंद्र और राज्‍य सरकारों  के अलावा स्‍थानीय प्रशासन की लगातार इस अपील -'कोरोना पीडि़तों और संदिग्‍धों के साथ उचित व्‍यवहार करें' के बावजूद लोगों की संवेदनाएं मरती जा रही है।  कुछ लोग इसे प्रकृति का बदला मान रहे हैं ।  वहीं कुछ लोग राम चरित मानस में लिए उस चौपाई हवाला दे रहे है जिसमें गोस्‍वामी तुलसी दास जी ने आदप काल में रिश्‍तों परख होने की बात लिखी है। 

मनोरोग विशेषज्ञ हैं चिंतित
 डॉ- अमनदीप कौर
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ: अमनदीप कौर कहती हैं कि कोरोना वायरस के कारण लोगों के व्‍यवहार में बदलाव देखने को मिलेगा।  उनका कहना है कि देश में यदि लॉकडाउन लंबा खिंचता है तो सोशल डिस्‍टेंस के साथ-साथ, पहले से अधिक मोबाइल की लत और हाथ मिलाने की जगह दूर से ही नमस्‍ते करने की आदत को महसूस किया जा सकता है।  उन्‍होंने कहा कि कोरोना संक्रमित की मौत के बाद जिस तरह परिजन शव लेने से इंकार कर रहे हैं वह समाज में अच्‍छा संदेश नहीं है।  यह कोरोना का ही असर है।  हां लॉकडाउन का एक सकारत्‍मक असर यह देखने को मिल रहा है प्रदूषण का असर काफी हद तक कम हो गया है।  नदियां भी साफ दिखने लगी हैं।