ट्रेन पर पत्थरपाजी और इस घटना में चोटिल होने वाले यात्रियों की खबरें अक्सर सुनने आ जाती हैं। अभी करीब दो दिन पहले ही गुजरात के सूरत से चल कर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक जाने वाले ताप्ती-गंगा एक्सप्रेस पर पथराव की खबरें आई थीं। इस घटना से गुजरात का एक परिवार जो कि कुंभ स्नान के लिए प्रयाराज जा रहा था सदमें आ गया था। हलांकि यह परिवार चोटिल होने से बालबाल बचगया। ताप्ती-गंगा एक्सप्रेस में सफर कर रहे इस परिवार ने ट्रेन से पूरी वीडियो बनाकर अपनी और रेल यात्रियों की ऐसी घटनाओं से सुरक्षा की मांग की थी। अब हमारे और आप सभी के या उन सभी लोगों के मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि अगर सफर के दौरान ऐसे कोई घटना घटित होती है और मुसाफिर जख्मी हो जाता है तो क्या रेलवे कोई मुआवजा देती है। इसके लिए कौन-कौन सी प्रक्रिया है और मुआवजे के लिए रेलवे के नियम और प्रावधान क्या हैं। चलिए आपको हम इसके बारे में बताते हैं।
क्या है रेलवे के नियम
सफर के दौरान जख्मी होने वाले यात्रियों रेलवे मुआवजा देता है। इसके लिए भारतीय रेलवे रेल दुर्घटना और अन्य अप्रिय घटना होने की सूरत में मुआवजा 1990 के ‘रेलवे दुर्घटनाएं और अप्रिय घटनाएं (मुआवजा) नियम’ के तहत देती है। रेल हादसे में मरने वालों के स्वजनों को रेलवे की ओर से अनुग्रह राहत के रूप में 15 हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान है। गंभीर गंभीर रूप से जख्मी होने पर पांच हजार और मामूल रूप से जख्मी होने वाले यात्रियों को 500 रुपये का मुआवजा दिया जाता है। इसी तरह रेलवे क्रासिंग पर हादसा होने की स्थिति में मृत्यु मरने वाले व्यक्ति के स्वजनों को 6 हजार और और गंभीर रूप से जख्मी होने वाले को 2,500 रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है।
रेलवे यात्रियों का करवाता है बीमा
अब सवाल यह उठता है कि हादसों में मरने वालों को मात्र 15 हजार रुपये दे कर ही रेलवे अपनी जिम्मेदारियों मुक्त हो जाता है, या मरने वाले के परिवार को कुछ रमक दी जाती है। तो यहां साफ कर दें कि भारतीय रेलवे अपने यात्रियों का बीमा करवाती है। यह बीमा पैसेंजर ट्रेन और उपनगरीय ट्रेनों को छोड़कर अन्य सभी ट्रेनों में रिजवर्ड SL, AC-1, AC-2 और AC-3 श्रेणी के यात्रियों का बीमा करवाती है। इसी के आधार पर रेल हादसों में मारे गए इन श्रेणी के लोगों को आठ लाख बीमा कंपनी देती है। इसी तरह गंभीर रूप से जख्मी यात्रियों को 64 हजार से आठ लाख रुपये तक बीमा क्लेम से दिए जाने का प्रावधान हैं। आपको बता देंकि मुआवजा देने का फैसला रेलवे ट्रिव्यूनल के फैसले अनुसार ही लिया जाता है।